प्रेमी बनकर प्रेम से ईश्वर के गुण गाया कर भजन लिरिक्स
प्रेमी बनकर प्रेम से ईश्वर के गुण गाया कर भजन लिरिक्स,Premi BanKar Prem Se Bhajan Lyrics
।। दोहा ।।
माटी कहे कुमार से, तू क्या रोंदे मोहे ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदुंगी तोहे।
~ प्रेमी बन कर प्रेम से ~
प्रेमी बन कर प्रेम से ,
ईश्वर के गुण गाया कर।
मन मंदिर में गाफिल ,
झाड़ू रोज लगाया कर।
सोने में तो रात गंवाई ,
दिन भर करता काम रहा।
इसी तरह बरबाद तू बन्दे ,
करता अपने आप रहा।
प्रातः काल उठ प्रेम से ,
सत्संगति में जाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,
ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
दुखिया पास खड़ा है तेरे ,
तूने मौज उड़ाई क्या।
भूखा प्यासा पड़ा पडोसी ,
तूने रोटी खायी क्या।
सबसे पहले पूछकर ,
भोजन को तू खाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,
ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
नर तन चोले का पाना ,
बच्चो का कोई खेल नहीं।
जन्म जन्म के सभू कर्मो का ,
होता जब तक मेल नहीं।
नर तन पाने के लिए ,
उत्तम कर्म कमाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,
ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
देखो दया जगदीश्वर की ,
वेदो का जिसने ज्ञान दिया।
सोच समझ ले अपने मन में ,
कितना है कल्याण किया।
सब कर्मो को छोड़कर ,
प्रभु का ध्यान लगाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,
ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
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Bhagwan Ke chetavani Bhajan Lyrics
~ Premi BanKar Prem Se ~
premi ban kar prem se,
ishwar ke gun gaya kar.
man mandir me gafil,
jhadu roj lagaya kar.
Sone Me to Raat gawai,
din bhar karta kaam raha.
esi tarah barbad tu bande,
karta apne aap raha.
pratah kaal uth prem se,
satsangati me jaya kar.
premi ban kar prem se,
ishwar ke gun gaya kar.
Dukhiya Paas khada Hai tere,
tune moj udai kya.
bhukha pyasa pada padosi,
tune roti khayi kya.
sabase pahle puchkar,
bhojan ko tu khaya kar.
premi ban kar prem se,
ishwar ke gun gaya kar.
nar tan chole ka pana,
bachcho ka koi khel nhi.
janm janm ke sabhu karmo ka,
hota jab tak mel nhi.
nar tan pane ke liye,
uttam karm kamaya kar.
premi ban kar prem se,
ishwar ke gun gaya kar.
dekho daya jagdishwar ki,
vedo ka jisne gyan diya.
soch samajh le apne man me,
kitna hai kalyan kiya.
sab karmo ko chodkar,
prabhu ka dhyan lagaya kar.
premi ban kar prem se,
ishwar ke gun gaya kar.
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भगवान के चेतावनी भजन लिरिक्स
~ प्रेमी बनकर प्रेम से ~
प्रेमी बन कर प्रेम से ,ईश्वर के गुण गाया कर।
मन मंदिर में गाफिल ,झाड़ू रोज लगाया कर।
सोने में तो रात गंवाई ,दिन भर करता काम रहा।
इसी तरह बरबाद तू बन्दे ,करता अपने आप रहा।
प्रातः काल उठ प्रेम से ,सत्संगति में जाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
दुखिया पास खड़ा है तेरे ,तूने मौज उड़ाई क्या।
भूखा प्यासा पड़ा पडोसी ,तूने रोटी खायी क्या।
सबसे पहले पूछकर ,भोजन को तू खाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
नर तन चोले का पाना ,बच्चो का कोई खेल नहीं।
जन्म जन्म के सभू कर्मो का ,होता जब तक मेल नहीं।
नर तन पाने के लिए ,उत्तम कर्म कमाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
देखो दया जगदीश्वर की ,वेदो का जिसने ज्ञान दिया।
सोच समझ ले अपने मन में ,कितना है कल्याण किया।
सब कर्मो को छोड़कर ,प्रभु का ध्यान लगाया कर।
प्रेमी बन कर प्रेम से ,ईश्वर के गुण गाया कर। टेर। ….
Rajkumar Vinayak Bhajan Lyrics
भजन :- प्रेमी बन कर प्रेम से |
गायक :- राजकुमार विनायक |
लेबल :- PMD Studio Official |
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