जय जय जनक सुनन्दिनी हरि वन्दिनी हे आरती लिरिक्स | Jai Jai Janak Sunandini Aarti Lyrics

127

जय जय जनक सुनन्दिनी हरि वन्दिनी हे आरती लिरिक्स

जय जय जनक सुनन्दिनी हरि वन्दिनी हे आरती लिरिक्स, Jai Jai Janak Sunandini Aarti Lyrics

।। दोहा ।।
जिनके पिता विदेह थे, पति पुरुषोत्तम राम।
मन उन सीता को भजे, प्रतिदिन आठों याम।


~ जय जय जनक सुनंदिनी ~

जय जय जनक सुनंदिनी ,
हरी वन्दनी है।
दुष्टनिकंदनी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


सकल मनोरथ दायनी ,
जग सोहनी है।
पशुपति मोहनी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


विकट निशाचर कुंथली ,
दधिमंथनी है।
त्रिभुवन ग्रंथनी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


दिवानाथ सम भासनी ,
मुख हासनी है।
मरुधर वासनी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


जगदम्बे जय कारणी ,
खल हारणी है।
मृगिरूपु चारणी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


पिप्लाद मुनि पालनी ,
बपु शालनी है।
खल दलदलानी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


तेज विजित सौदामनी ,
हरी भावनी है।
मेरी गजगामनी मात ,
जय जय विष्णु प्रिये।


भक्त जना न सुहावनी ,
श्रुतिगावणी है।
मन वांछित फल देय ,
जय जय विष्णु प्रिये।


जरूर पढ़ें :- धीमी धीमी पड़े रे फुहार

जरूर पढ़ें :- आई सिंह पे सवार मैया

Mataji Aarti Lyrics In Hindi

~ Jai Jai Janak Sunandini ~

Jay Jay janak Sunandini,
hari vandini hai.
dusht nikandani maat,
jay jay vishnu priye.


sakal manorath dayani,
jag sohani hai.
pashupati mohani mat,
jay jay vishnu priye.


vikat nishachar kunthali,
dadhimanthani hai.
tribhuvan granthani maat,
jay jay vishnu priye.


diwanath sam bhasani,
mukh haasani hai.
marudhar vasani maat,
jay jay vishnu priye.


jagdambe jay kaarani,
khal haarani hai.
mrigirupu charani maat ,
jay jay vishnu priye.


piplad muni palani,
bapu shalani hai.
khal daldalani maat,
jay jay vishnu priye.


tej vijit sodamani,
hari bhavani hai.
meri gajgamani maat,
jay jay vishnu priye.


जरूर पढ़ें :- जगदम्बे भवानी मैया तेरा

जरूर पढ़ें :- कालो की काल महाकाली

माताजी आरती हिंदी लिरिक्स

~ जय जय जनक सुनन्दिनी ~

जय जय जनक सुनंदनी ,हरी वन्दनी है।
दुष्टनिकंदनी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

सकल मनोरथ दायनी ,जग सोहनी है।
पशुपति मोहनी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

विकट निशाचर कुंथली ,दधिमंथनी है।
त्रिभुवन ग्रंथनी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

दिवानाथ सम भासनी ,मुख हासनी है।
मरुधर वासनी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

जगदम्बे जय कारणी ,खल हारणी है।
मृगिरूपु चारणी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

पिप्लाद मुनि पालनी ,बपु शालनी है।
खल दलदलानी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

तेज विजित सौदामनी ,हरी भावनी है।
मेरी गजगामनी मात ,जय जय विष्णु प्रिये।

भक्त जना न सुहावनी ,श्रुतिगावणी है।
मन वांछित फल देय ,जय जय विष्णु प्रिये।

mataji hindi lyrics bhajan

भजन :- जय जय जनक सुनंदिनी
गायक :- तरुण शर्मा
लेबल :- राजस्थानी भजन

जरूर पढ़ें :- जोगणिया थारो ऊंचो देश अखंड

जरूर पढ़ें :- एक आसरो देव धणी को

पिछला लेखधीमी धीमी पड़े रे फुहार मैया जी के मंदिर में भजन लिरिक्स | Dhimi Dhimi Padi Re Fuhar Bhajan Lyrics
अगला लेखदर्शन दे गई एक छोटी सी कन्या भजन लिरिक्स | Darshan De Gai Ek Chhoti Si Kanya Bhajan Lyrics