श्री कृष्ण बुलावे झूलण न चालो राधा बाग में भजन लिरिक्स
श्री कृष्ण बुलावे झूलण न चालो राधा बाग में भजन लिरिक्स, Jhulan Ne Chalo Radha Baga Me Bhajan Lyrics
।। दोहा ।।
सुध-बुध सारी भूल गयी, भूली जान-अजान।
कान्हा ने जब छेड़ दी, मधुर-मुरली की तान।
~ झूलण न चालो राधा बाग में ~
श्री कृष्ण बुलावे ,
झूलण न चालो राधा बाग में।
झूलण चालो बागा माय ,
जी कर सोलह श्रृंगार।
तरह तरह का पहन आभूषण ,
गल मोतियन को हार।
श्री कृष्ण बुलावे ,
झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
मलय गिरी को बण्यो हिंडोलों ,
लग्या रेशमी तार।
झूलो आप झुलावे मोहन ,
गावे राग मलहार।
श्री कृष्ण बुलावे ,
झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
सदा सजीली बाग़ की राधे ,
खिल रही केशर क्यार।
चम्पा चमेली खिली केतकी ,
भंवर करे गुंजार।
श्री कृष्ण बुलावे ,
झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
दादुर मोर पपीहा बोले ,
पीव पीव करे पुकार।
घन गरजे और बिजली चमके ,
शीतल पड़े फुंवार।
श्री कृष्ण बुलावे ,
झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
शिव सनकादिक ब्रह्मा ध्यावे ,
कोई न पायो पार।
भक्त मण्डली आपकी ,
करियो बेडा पार।
श्री कृष्ण बुलावे ,
झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
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Radha Shri Krishna Hindi Bhajan Lyrics
~ Jhulan Ne Chalo Radha Bag Me ~
shri krishn bulave ,
jhulan n chalo radha bag me.
jhulan chalo baga maay,
ji kar solah shringar.
tarah tarah ka pahan aabhushan,
gal motiyan ko haar.
shri krishn bulave ,
Jhulan Ne Chalo Radha Bag Me.
malay giri ko banyo hindolo,
jagya reshmi taar.
jhulo aap jhulave mohan,
gave rag malhar.
shri krishn bulave ,
jhulan n chalo radha bag me.
sada sajili baag ki radhe,
khil rahi keshar kyar.
champa chameli khili tetaki,
bhanvar kar gunjar.
shri krishn bulave ,
jhulan n chalo radha bag me.
dadur mor papiha bole,
piv piv kar pukar.
ghan garaje bijli chamke,
shital pade funvar.
shri krishn bulave ,
jhulan n chalo radha bag me.
shiv sankadik brahma dhyave,
koi n payo paar.
bhakt mandli aapki,
kariyo beda paar.
shri krishn bulave ,
jhulan n chalo radha bag me.
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राधा कृष्णा न्यू हिंदी भजन लिरिक्स
~ झूलण न चालो राधा बाग में ~
श्री कृष्ण बुलावे ,झूलण न चालो राधा बाग में।
झूलण चालो बागा माय ,जी कर सोलह श्रृंगार।
तरह तरह का पहन आभूषण ,गल मोतियन को हार।
श्री कृष्ण बुलावे ,झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
मलय गिरी को बण्यो हिंडोलों ,लग्या रेशमी तार।
झूलो आप झुलावे मोहन ,गावे राग मलहार।
श्री कृष्ण बुलावे ,झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
सदा सजीली बाग़ की राधे ,खिल रही केशर क्यार।
चम्पा चमेली खिली केतकी ,भंवर करे गुंजार।
श्री कृष्ण बुलावे ,झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
दादुर मोर पपीहा बोले ,पीव पीव करे पुकार।
घन गरजे और बिजली चमके ,शीतल पड़े फुंवार।
श्री कृष्ण बुलावे ,झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
शिव सनकादिक ब्रह्मा ध्यावे ,कोई न पायो पार।
भक्त मण्डली आपकी ,करियो बेडा पार।
श्री कृष्ण बुलावे ,झूलण न चालो राधा बाग में। टेर। ….
Hindi New Bhajan Lyrics
भजन :- झूलण न चालो राधा बाग में |
गायक :- रतन जी जाट |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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