भजन कर छोड़ जगत का नाता भजन लिरिक्स
भजन कर छोड़ जगत का नाता भजन लिरिक्स, Bhajan Kar Chod Jagat Ka Nata Bhajan Lyrics
।। दोहा ।।
आग लगी आसमान में, और जुर जुर पड़े अंगार।
संत ना होता इण जगत में, तो जल जातो संसार।
~ भजन कर छोड़ जगत का नाता ~
बीती रेण घडी बिन रेता ,
वीरता जनम गमाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता।
महापुरुषा को कयो नी माने ,
मांस मंद क्यों खाता रे ।
दारू तो दरगा नहीं पुगे ,
मांस मंदिर नहीं जाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
थू कुण में कुण कठु आयो ने ,
कहो कठिने जाता रे।
धन दौलत तेरा माल खजाना ,
सभी अठी रह जाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
बहन भानजी भाई भोजाई ,
झूठा जगत का नाता रे ।
कोई ना तेरे संग चलेगा ,
हंस अकेला जाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
लग रही कंठी होजा चेतन ,
सतगुरु यु समझाता रे।
गुर्जर गरीबी में कनीराम बोले ,
ये अवसर नहीं आता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
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~ Bhajan Kar Chod Jagat Ka Nata ~
beeti ren ghadi bin reta,
viratha janam gamata.
bhajan kar chod jagat ka nata.
mahapurusha ko kayo ni mane,
mans mand kyu khata re.
duru to darga nahi puge,
mans mandir nahi jata.
bhajan kar chod jagat ka nata.
thu kun me kun kathu aayo ne,
kaho kathine jata re.
dhan dolat tera maan khajana,
sabhi athi rah jata.
bhajan kar chod jagat ka nata.
bahan bhanji bhai bhojai,
jhutha jagat ka nata re.
koi naa tere sang chalega,
hans akela jata.
bhajan kar chhod jagat ka nata.
lag rahi kanthi hoja chetan,
satguru yu samjhata re.
gurjar garibi me kaniram bole,
ye avasar nahi aata.
bhajan kar chhod jagat ka nata.
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~ भजन कर छोड़ जगत का नाता ~
बीती रेण घडी बिन रेता ,वीरता जनम गमाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता।
महापुरुषा को कयो नी माने ,मांस मंद क्यों खाता रे ।
दुरु तो दरगा नहीं पुगे ,मांस मंदिर नहीं जाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
थू कुण में कुण कठु आयो ने ,कहो कठिने जाता रे।
धन दौलत तेरा माल खजाना ,सभी अठी रह जाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
बहन भानजी भाई भोजाई ,झूठा जगत का नाता रे ।
कोई ना तेरे संग चलेगा ,हंस अकेला जाता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
लग रही कंठी होजा चेतन ,सतगुरु यु समझाता रे।
गुर्जर गरीबी में कनीराम बोले ,ये अवसर नहीं आता।
भजन कर छोड़ जगत का नाता। टेर। …
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भजन :- भजन कर छोड़ जगत का नाता |
गायक :- सुख जी सेन |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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