भक्ति भगवत ने है प्यारी भजन लिरिक्स
भक्ति भगवत ने है प्यारी भजन लिरिक्स, Bhakti Bhagwat Ne Hai Pyari nirguni bhajan lyrics
।। दोहा ।।
गुरु पारस को अन्तरो, जानत हैं सब संत।
वह लोहा कंचन करे, ये करि लेय महंत॥
~ भक्ति भगवत ने है प्यारी ~
ऊंच नीच कारण नहीं इसमें ,
भजो कोई नर नारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी।
भक्ति करी भरम ने त्यागो ,
सुमिरो अलख निजारी।
सोऽहं सूरज उगे घट भीतर ,
मिटे अज्ञान अंधारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण निर्गुण स्वरुप भक्ति का ,
कहे सदग्रन्थ पुकारी।
सर्गुण सेवा ध्यान प्रार्थना ,
निर्गुण तत्व विचारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण बिना निर्गुण नहीं होवे ,
समझो सैन गुरारी।
सर्गुण बिना निर्गुण पद पावो ,
खुल जावे भ्रम किवारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
तामस राजस सात्विक करके ,
सुरगण तीन प्रकारी।
निर्गुण एक आत्म स्वरुप लख ,
तजो कल्पना सारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण परोक्ष अपरोक्ष है निर्गुण ,
यह निश्चय हम धारी।
कल्याण भारती करके भक्ति ,
सब हरी रूप निहारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
जरूर देखे :- अब हम सत्संग की गम जानी
जरूर देखे :- भक्ति को बाग़ लगाओ
nirguni bhajan lyrics in hindi
~ Bhakti Bhagwat Ne Hai Pyari ~
unch nich karan nhi isme,
bhajo koi nar nari.
bhakti bhagwat ne hai pyari.
bhakti kari bharam ne tyago,
sumiro alakh nijari.
soham suraj uge ghat bhitar,
mite agyan andhari.
bhakti bhagwat ne hai pyari.
Sargun nirgun swarup bhakti ka,
kahe sadgranth pukari.
sargun seva dhyan prarthana,
nirgun tatv vichari.
bhakti bhagwat ne hai pyari.
sargun bina nirgun nhi hove,
samjho sain gurari.
sargun bina nirgun pad pavo,
khul jave bharam kiwari.
bhakti bhagwat ne hai pyari.
tamas rajas satvik karke,
surgan teen prakari.
nirgun ek aatam swarup lakh,
tajo kalpna sari.
bhakti bhagwat ne he pyari.
sargun paroksh aproksh hai nirgun,
yah nishchay ham dhari.
kalyan bharti karke bhakti,
sab hari rup nihari.
bhakti bhagwat ne he pyari.
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जरूर देखे :- साधु भाई सतसंग अमृत धारा
निर्गुणी भजन लिरिक्स इन हिंदी
~ भक्ति भगवत ने है प्यारी ~
ऊंच नीच कारण नहीं इसमें ,भजो कोई नर नारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी।
भक्ति करी भरम ने त्यागो ,सुमिरो अलख निजारी।
सोऽहं सूरज उगे घट भीतर ,मिटे अज्ञान अंधारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण निर्गुण स्वरुप भक्ति का ,कहे सदग्रन्थ पुकारी।
सर्गुण सेवा ध्यान प्रार्थना ,निर्गुण तत्व विचारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण बिना निर्गुण नहीं होवे ,समझो सैन गुरारी।
सर्गुण बिना निर्गुण पद पावो ,खुल जावे भ्रम किवारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
तामस राजस सात्विक करके ,सुरगण तीन प्रकारी।
निर्गुण एक आत्म स्वरुप लख ,तजो कल्पना सारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण परोक्ष अपरोक्ष है निर्गुण ,यह निश्चय हम धारी।
कल्याण भारती करके भक्ति ,सब हरी रूप निहारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
dhanraj joshi bhajan lyrics
भजन :- भक्ति भगवत ने है प्यारी |
गायक :- धनराज जोशी |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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