साधु भाई सतसंग अमृत धारा भजन लिरिक्स
साधु भाई सतसंग अमृत धारा भजन लिरिक्स, Sadhu bhai Satsang Amrit Dhara satguru mahima bhajan lyrics
।। दोहा ।।
गुरु समान दाता नहीं, याचक सीष समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दिन्ही दान॥
~ सतसंग अमृत धारा ~
निर्मल सीर ज्यारी शीतल ,
बरसे अमी फंवारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा।
सतसंग करे संत मरजीवा ,
मेटे भरम विकारा।
सदा आनंद मगन रहे मन में ,
परसे प्रीतम प्यारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
राम संतोष कर्म ह्रदय छोडिया ,
छोडिया मोह अहंकारा।
सतसंग पावे भाग पूरबले ,
श्री मुख आप उचारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
करता केल पहल मिल हंसा ,
मोती शब्दों का चारा।
उत्तम मध्यम कनिष्ट को त्यारे ,
देवे शब्द गुजारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
सत गंभीर भरिया है पूरन ,
उंड़ा अति है अपारा।
जो कोई ध्यान धरे निशि बासर ,
भव से होय किनारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
खेताराम गुरु परम विधाता ,
मिलिया मोये दातारा।
कहे प्रताप कृपा सतसंग की ,
जागा भाग हमारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
जरूर देखे :- साधो भाई सतसंग मोक्ष द्वारा
जरूर देखे :- साधो भाई सत्संग भाव समाई
satguru mahima bhajan lyrics
~ Sadhu bhai Satsang Amrit Dhara ~
nirmal seer jyari shital,
barse ami fanwara.
sadhu bhai satsang amrit dhara.
satsang kare sant marjiva,
mete bharam vikara.
sada aanand magan rahe man me,
parse preetam pyara.
sadhu bhai satsang amrit dhara.
ram santosh karm harday chodiya,
chodiya moh ahnkara.
satsang pave bhag purable,
shri mukh aap uchara.
sadhu bhai satsang amrit dhara.
karta kel pahal mil hansa,
moti shabdo ka chara.
uttam madhyam kanisht ko tyare,
deve shabd gujara.
sadhu bhai satsang amrit dhara.
sat gambhir bhariya hai puran,
unda ati hai apara.
jo koi dhyan dhare nishi baasar,
bhav se hoy kinara.
sadho bhai satsang amrit dhara.
khetaram guru param vidhata,
miliya moye datara.
kahe pratap kripa satsang ki,
jaga bhag hamara.
sadho bhai satsang amrit dhara.
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~ साधु भाई सतसंग अमृत धारा ~
निर्मल सीर ज्यारी शीतल ,बरसे अमी फंवारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा।
सतसंग करे संत मरजीवा ,मेटे भरम विकारा।
सदा आनंद मगन रहे मन में ,परसे प्रीतम प्यारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
राम संतोष कर्म ह्रदय छोडिया ,छोडिया मोह अहंकारा।
सतसंग पावे भाग पूरबले ,श्री मुख आप उचारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
करता केल पहल मिल हंसा ,मोती शब्दों का चारा।
उत्तम मध्यम कनिष्ट को त्यारे ,देवे शब्द गुजारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
सत गंभीर भरिया है पूरन ,उंड़ा अति है अपारा।
जो कोई ध्यान धरे निशि बासर ,भव से होय किनारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
खेताराम गुरु परम विधाता ,मिलिया मोये दातारा।
कहे प्रताप कृपा सतसंग की ,जागा भाग हमारा।
साधु भाई सतसंग अमृत धारा। टेर। ..
hemraj saini bhajan
भजन :- सतसंग अमृत धारा |
गायक :- हेमराज सैनी |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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