संत पधारे पांवणा म्हारी हेली भजन लिरिक्स
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली भजन लिरिक्स, Santh Padhare Panwana Mhari Heli Bhajan Lyrics heli bhajan lyrics in hindi
।। दोहा ।।
कदली सीप भुजंग मुख, एक स्वाति गुण तीन।
जैसी संगत बैठिये, वैसो ही फल दीन।
~ संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ~
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,
ज्या रा मोटा भाग।
सती करे ज्या री सेवना म्हारी हेली ,
ज्या रा अमर सुहाग।
संत चले जिण धरम में म्हारी हेली ,
होवे उत्तम भोम।
वा रजि जिण ने मिले म्हारी हेली ,
तीर जावे सब कोय।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,
ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
भाग बिना नहीं मिल सके म्हारी हेली ,
वा संता रा पाँय।
हित चित से सेवा करो म्हारी हेली ,
आवागमन मिट जाय।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,
ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
तीन मनुष बैठा चोवटे म्हारी हेली ,
वा तक आवे संत।
जनो चरणा पड्यो म्हारी हेली ,
संत बतायो संत।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,
ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
जोय रया निरभागिया म्हारी हेली ,
जाण्यो नहीं परभाव।
रामकृष्ण भणे ज्ञान सु म्हारी हेली ,
संत दर्श को चाव।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,
ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
जरूर देखे :- सुकरत फूल गुलाब रो
जरूर देखे :- कटे सूती ने कटे आण खड़ी
heli bhajan lyrics in hindi
~ Santh Padhare Panwana Mhari Heli ~
sant Padhare panvna Mhari heli,
jya ra mota bhag.
sati kare jya ri sevna mhari heli,
jya ra amar suhag.
Sant chale jin dharam me mhari heli,
hove uttam bhom.
va raji jin ne mile mhari heli,
teen jave sab koy.
sant Padhare panvna Mhari heli,
jya ra mota bhag.
bhag bina nhi mil sake mhari heli,
va santa ra pay.
hit chit se seva karo mhari heli,
aavagaman mit jay.
sant Padhare panvna Mhari heli,
jya ra mota bhag.
teen manush baitha chovate mhari heli,
va tak aave sant.
jano charna padyo mhari heli,
sant batayo sant.
sant Padhare panvna Mhari heli,
jya ra mota bhag.
joy raya nirbhagiya mhari heli,
janyo nhi parbhav.
ram krishna bhane gyan su mhari heli,
sant darsh ko chav.
sant Padhare panvna Mhari heli,
jya ra mota bhag.
जरूर देखे :- हेली म्हारी चालो गुरांसा रे देश
जरूर देखे :- हेली धन रे घडी रो मोटो भाग
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~ संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ~
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,ज्या रा मोटा भाग।
सती करे ज्या री सेवना म्हारी हेली ,ज्या रा अमर सुहाग।
संत चले जिण धरम में म्हारी हेली ,होवे उत्तम भोम।
वा रजि जिण ने मिले म्हारी हेली ,तीर जावे सब कोय।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
भाग बिना नहीं मिल सके म्हारी हेली ,वा संता रा पाँय।
हित चित से सेवा करो म्हारी हेली ,आवागमन मिट जाय।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
तीन मनुष बैठा चोवटे म्हारी हेली ,वा तक आवे संत।
जनो चरणा पड्यो म्हारी हेली ,संत बतायो संत।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
जोय रया निरभागिया म्हारी हेली ,जाण्यो नहीं परभाव।
रामकृष्ण भणे ज्ञान सु म्हारी हेली ,संत दर्श को चाव।
संत पधारे पांवणा म्हारी हेली ,ज्या रा मोटा भाग। टेर। ….
mohan jhala ke bhajan
भजन :- संत पधारे पांवणा म्हारी हेली |
गायक :- मोहन झाला |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
जरूर देखे :- अब तो सारा दु:ख भूलगी
जरूर देखे :- मैं तो पुरबिया पूरब देश रो