अब तो सारा दु:ख भूलगी म्हारी हेली भजन लिरिक्स
अब तो सारा दु:ख भूलगी म्हारी हेली भजन लिरिक्स, Ab to Sara Dukh Bhulgi Mari Heli Bhajan Lyrics
।। दोहा ।।
जोगी जंगम से बेडा, सन्यासी दरवेश।
छठा दर्शन ब्रह्मा का, इन में मीन न मेष।
~ अब तो सारा दुःख भूलगी ~
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय।
पतिव्रता पीहर बसे म्हारी हेली ,
हिरदे पियाजी रा ध्यान।
आठ पहर लिव लाग रही म्हारी हेली ,
ऐसो है आतम ज्ञान।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय। टेर। ….
पुरुष वैदेही खेले आंगने म्हारी हेली ,
खेल रयो निराधार।
गूंगे मन सपनो भयो म्हारी हेली ,
समझ समझ हर्षाय।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय। टेर। ….
और सखी पिली भई म्हारी हेली ,
तू क्यों भई रंग लाल।
अविनाशी री सेज में म्हारी हेली ,
पोढ़त हो गई निहाल।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय। टेर। ….
अविनाशी री सेज रा म्हारी हेली ,
कहो कैसा उन्मान।
केवन सुनन में है नहीं म्हारी हेली ,
ज्या पंहुचा परिमाण।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय। टेर। ….
नार कहावे पीव री म्हारी हेली ,
भीतर परदा दोय।
नैन मिलावे और से म्हारी हेली ,
प्रीतम राजी न होय।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय। टेर। ….
मिली सुहागण अपने पीव से म्हारी हेली ,
तन मन किना वेश।
केवे कबीरसा धर्मिदास ने म्हारी हेली ,
पहुँच्या दीवाने देश।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,
राम रतन धन पाय। टेर। ….
जरूर देखे :- मैं तो पुरबिया पूरब देश रो
जरूर देखे :- हेली एक दिन मिन्दर में आव
heli bhajan lyrics in hindi
~ Ab to Sara Dukh Bhulgi Mari Heli ~
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
pativrata pihar base mhari heli,
hirde piyaji ra dhyan.
aath pahar liv laag rahi mhari heli,
aiso hai aatam gyan.
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
purush vaidehi khele aangane mhari heli,
khel ryo niradhar.
gunge man sapno bhayo mhari heli,
samajh samajh harshay.
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
or sakhi pili bhai mhari heli,
tu kyu bhai rang lal.
avinashi ri sej me mhari heli,
podhat ho gai nihal.
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
avinashi ri sej ra mhari heli,
kaho kaisa unman.
kevan sunan me hai nhi mhari heli,
jya pahucha pariman.
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
naar kahave peev ri mhari heli,
bhitar parda doy.
nain milave or se mhari heli,
preetam raji n hoy.
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
mili suhagan apne peev se mhari heli,
tan man kina vesh.
keve kabirsa dharmidas ne mhari heli,
pahuchya diwane desh .
ab to sara dukh bhulgi mhari heli,
ram ratan dhan paay.
जरूर देखे :- चलो गुरुजी का देश मारी हेली
जरूर देखे :- हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण
हेली भजन लिरिक्स
~ अब तो सारा दु:ख भूलगी ~
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय।
पतिव्रता पीहर बसे म्हारी हेली ,हिरदे पियाजी रा ध्यान।
आठ पहर लिव लाग रही म्हारी हेली ,ऐसो है आतम ज्ञान।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय। टेर। ….
पुरुष वैदेही खेले आंगने म्हारी हेली ,खेल रयो निराधार।
गूंगे मन सपनो भयो म्हारी हेली ,समझ समझ हर्षाय।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय। टेर। ….
और सखी पिली भई म्हारी हेली ,तू क्यों भई रंग लाल।
अविनाशी री सेज में म्हारी हेली ,पोढ़त हो गई निहाल।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय। टेर। ….
अविनाशी री सेज रा म्हारी हेली ,कहो कैसा उन्मान।
केवन सुनन में है नहीं म्हारी हेली ,ज्या पंहुचा परिमाण।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय। टेर। ….
नार कहावे पीव री म्हारी हेली ,भीतर परदा दोय।
नैन मिलावे और से म्हारी हेली ,प्रीतम राजी न होय।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय। टेर। ….
मिली सुहागण अपने पीव से म्हारी हेली ,तन मन किना वेश।
केवे कबीरसा धर्मिदास ने म्हारी हेली ,पहुँच्या दीवाने देश।
अब तो सारा दुःख भूलगी म्हारी हेली ,राम रतन धन पाय। टेर। ….
अनिल नागौरी के भजन
भजन :- अब तो सारा दुःख भूलगी |
गायक :- अनिल नागौरी |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
जरूर देखे :- हेली चाले तो हरी मिल जाए
जरूर देखे :- चाले तो ले चालूं उण देश