संतो ! एडा मूरख जग माहि भजन लिरिक्स
संतो ! एडा मूरख जग माहि भजन लिरिक्स, Santo ! Aida Murakh Jag Mahi desi chetawani bhajan lyrics
।। दोहा ।।
कस्तूरी कुण्डल बसे, मृग ढूंढे वन मांय।
वैसे घट घट राम है, पर दुनिया देखे नाय।
~ संतो ! एडा मूरख जग माहि ~
साँचा गुरु री संगत नहीं किनी ,
भटकत जनम गमाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
भागा कांच रे सोंधो नी लागे ,
कर कर कीमत जोई।
ले सोर अगनी पर धरियो ,
धरता ही उड़ जाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
कुकर कपूत तजे वासना ,
खर मिसरी कद खाई।
ले भोजन सिंह आगे धरियो ,
सिंह भोजन कद खाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
मणिधारी री गत मणिधारी जाणे ,
पल्डाटियो ने गम नाही।
कर कीमत बाजीगर पकडे ,
पकडत झपट लगाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
कस्तूरी मूंगा मोल री ,
मूरख ने गम नाही।
वानी भरोसे उड़ावे नित नुगरों ,
नफा टोटा गम नाही।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
जरूर देखे :- एड़ो रे अवसर हाथ नहीं आवे
जरूर देखे :- रे संतो ! रावळ जोगी मस्ताना
desi chetawani bhajan lyrics in hindi
~ Santo ! Aida Murakh Jag Mahi ~
sancha guru ri sangat nhi kini,
bhatakat janam gamai.
Santo ! Aida Murakh Jag Mahi.
bhaga kanch re sondho ni lage,
kar kar kimat joi.
le sor agani par dhariyo,
dharta hi ud jai.
Santo ! Aida Murakh Jag Mahi.
kukar kaput taje vasna,
kar mishri kad khai.
le bhojan singh aage dhariyo,
singh bhojan kad khai .
Santo ! Aida Murakh Jag Mahi.
manidhari ri gat manidhari jane,
paldatiyo ne gam nahi.
kar kimat bajigar pakde,
pakadat jhapat lagai.
santo ! aida murakh jag mahi.
kasturi munga mol ri,
murakh ne gam nahi.
vani bharose udave nit nugro,
nafa tota gam nahi.
Santo ! Aida Murakh Jag Mahi.
जरूर देखे :- साधु भाई ! परखो सबद टकसारा
जरूर देखे :- रे संतो ! अमी रस क्यों नहीं चखता
मारवाड़ी चेतावनी भजन लिरिक्स
~ संतो ! एडा मूरख जग माहि ~
साँचा गुरु री संगत नहीं किनी ,भटकत जनम गमाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
भागा कांच रे सोंधो नी लागे ,कर कर कीमत जोई।
ले सोर अगनी पर धरियो ,धरता ही उड़ जाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
कुकर कपूत तजे वासना ,खर मिसरी कद खाई।
ले भोजन सिंह आगे धरियो ,सिंह भोजन कद खाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
मणिधारी री गत मणिधारी जाणे ,पल्डाटियो ने गम नाही।
कर कीमत बाजीगर पकडे ,पकडत झपट लगाई।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
कस्तूरी मूंगा मोल री ,मूरख ने गम नाही।
वानी भरोसे उड़ावे नित नुगरों ,नफा टोटा गम नाही।
संतो ! एडा मूरख जग माहि। टेर। …..
dashrath vaishnav bhajan
भजन :- संतो ! एडा मूरख जग माहि |
गायक :- दशरथ वैष्णव |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
जरूर देखे :- संतो ! अमरलोक कुण जासी
जरूर देखे :- साधु भाई ! मेरा भेद में पाया