मनवा भूल गयो ईश्वर ने अब तेरो कोन संगाती रे भजन लिरिक्स
मनवा भूल गयो ईश्वर ने अब तेरो कोन संगाती रे भजन लिरिक्स, manva bhul gayo ishwar ne nirguni chetawani bhajan lyrics
।। दोहा ।।
खोद खाद धरती सहे, काट कूट वनराय।
कुटिल वचन साधु सहे, और से सहा न जाय।
~ मनवा भूल गयो ईश्वर ने ~
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,
अब तेरो कोन संगाती रे।
कौन संगाती रे ,
अब तेरो कौन संगाती रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,
अब तेरो कोन संगाती रे।
नर तू भूल्यो उस मालिक ने ,
कर कर चाली रे।
पाप की पोट धरी सिर ऊपर ,
वजन लखासी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,
अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
इतना पाप करया नर हद से ,
क्या फल पासी रे।
ईश्वर आगे क्या तलासी ,
लेखो चाह्सी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,
अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
ईस देहि का गर्व ना करना ,
एक दिन जासी रे।
करना हो सो कर ले बन्दा ,
फिर पछतासी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,
अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
सुखीराम जी नित उठ गावे ,
भजो बृज वासी रे।
वो ही प्रभुजी पार उतारे ,
हरी अविनाशी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,
अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
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nirguni chetawani bhajan lyrics in hindi
~ manva bhul gayo ishwar ne ~
manva bhul gayo ishwar ne,
ab tero kon sangati re.
kon sangati re ,
ab tero kon sangati re.
manva bhul gayo ishwar ne,
ab tero kon sangati re.
nar tu bhulyo us malik ne,
kar kar chali re.
pap ki pot dhari sir upar,
vajan lakhasi re.
manva bhul gayo ishwar ne,
ab tero kon sangati re.
etna pap karya nar had se,
kya fal pasi re.
ishwar aage kya talasi ,
lekho chahsi re.
manva bhul gayo ishwar ne,
ab tero kon sangati re.
is dehi ka garv na karna,
ek din jasi re.
karna ho so kar le bandha,
fir pachtasi re.
manava bhul gayo ishwar ne,
ab tero kon sangati re.
sukhiram ji nit uth gave,
bhajo brij vasi re.
wo hi prabhu ji par utare,
hari avinashi re.
manva bhul gayo ishwar ne,
ab tero kon sangati re.
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निर्गुणी भजन लिरिक्स इन हिंदी
~ मनवा भूल गयो ईश्वर ने ~
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,अब तेरो कोन संगाती रे।
कौन संगाती रे ,अब तेरो कौन संगाती रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,अब तेरो कोन संगाती रे।
नर तू भूल्यो उस मालिक ने ,कर कर चाली रे।
पाप की पोट धरी सिर ऊपर ,वजन लखासी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
इतना पाप करया नर हद से ,क्या फल पासी रे।
ईश्वर आगे क्या तलासी ,लेखो चाह्सी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
ईस देहि का गर्व ना करना ,एक दिन जासी रे।
करना हो सो कर ले बन्दा ,फिर पछतासी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
सुखीराम जी नित उठ गावे ,भजो बृज वासी रे।
वो ही प्रभुजी पार उतारे ,हरी अविनाशी रे।
मनवा भूल गयो ईश्वर ने ,अब तेरो कोन संगाती रे। टेर। ….
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