काची नींद के माय अचानक मने जगायो क्यों भजन लिरिक्स | kachi nind ke may achanak mane jagayo kyu bhajan lyrics

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काची नींद के माय अचानक मने जगायो क्यों भजन लिरिक्स

काची नींद के माय अचानक मने जगायो क्यों भजन लिरिक्स, kachi nind ke may achanak mane jagayo kyu bhajan lyrics

।। दोहा ।।
सुन रावण की आवाज ,कुम्भ घोर निद्रा से जागा।
आयी है कोई घनघोर विपदा ,मन ही मन विचारा।


~ काची नींद के माय अचानक ~

बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों।
मने जगायो क्यों ,
अचानक मने जगायो क्यों।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों।


रण चंडी ज्यू रेखा भबकी ,
तो ही नहीं समझयो थू।
सोना की थारी लंका जळगी ,
या सूखा चारा ज्यू।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों। टेर।


लंका को सिरताज विभीषण ,
निकलियो हाथा सु।
हाथ जोड़ समझावे ज्याने ,
मारे लाता सु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों। टेर।


ज्याका नाम का भाटा तरग्या ,
वाने कई जाणे थू।
चार वेद छः शास्त्र पड़ग्यो ,
रे ग्यो यु को यु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों। टेर।


पेली आन मने जगातो ,
सही राय बतातो मु।
अबे माथा फोड़ी में कई धरियो ,
जद रे ग्या तू और मु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों। टेर।


पूरा कुल ने तार लिदो ,
माँ सीता गंगा ज्यू।
जनम जनम का पाप मिटग्या ,
वाका दर्शन करबा सु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों। टेर।


ऊँकार दास की बात बणगी ,
गुरु चेतन मिलग्या क्यों।
बीरा मारा काची नींद के माय ,
अचानक मने जगायो क्यों। टेर।


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~ kachi nind ke may achanak ~

bira nind kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.
mane jagayo kyu ,
achanak mane jagayo kyu.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


ran chandi jyu rekha bhabaki,
to hi nhi samjhayo thu.
sona ki thari lanka jalagi,
ya sukha chara jyu.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


lanka ko sirtaaj vibhishan,
nikaliyo hata su.
hath jod samjhave jyane,
maare laata su.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


jyaka naam ka bhata targya,
vaane kai jaane thu.
char ved chh shastra padgyo,
re gyo yu ko yu.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


peli aan mane jagato,
sahi raay batato mu.
abe mata fodi me kai dhariyo,
jad re gya tu or mu.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


pura kul ne taar lido,
maa seeta ganga jyu.
janam janam ka pap mitgya,
vaka darshan karba su.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


unkar daas ki baat bangi,
guru chetan milgya kyu.
bira mara kachi nind ke maay,
achanak mane jagayo kyu.


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~ काची नींद के माय अचानक ~

बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों।
मने जगायो क्यों ,अचानक मने जगायो क्यों।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों।

रण चंडी ज्यू रेखा भबकी ,तो ही नहीं समझयो थू।
सोना की थारी लंका जळगी ,या सूखा चारा ज्यू।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों। टेर।

लंका को सिरताज विभीषण ,निकलियो हाथा सु।
हाथ जोड़ समझावे ज्याने ,मारे लाता सु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों। टेर।

ज्याका नाम का भाटा तरग्या ,वाने कई जाणे थू।
चार वेद छः शास्त्र पड़ग्यो ,रे ग्यो यु को यु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों। टेर।

पेली आन मने जगातो ,सही राय बतातो मु।
अबे माथा फोड़ी में कई धरियो ,जद रे ग्या तू और मु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों। टेर।

पूरा कुल ने तार लिदो ,माँ सीता गंगा ज्यू।
जनम जनम का पाप मिटग्या ,वाका दर्शन करबा सु।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों। टेर।

ऊँकार दास की बात बणगी ,गुरु चेतन मिलग्या क्यों।
बीरा मारा काची नींद के माय ,अचानक मने जगायो क्यों। टेर।

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भजन :- काची नींद के माय अचानक
गायक :- हीरालाल राव
लेबल :- राजस्थानी भजन

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