रूणीचा री धरती उपर जाऊ वारी वारी भजन लिरिक्स
रूणीचा री धरती उपर जाऊ वारी वारी भजन Runicha Ri Dharti Upar ramdev ji ke desi bhajan lyrics
।। दोहा ।।
भादरवे री दशम रो ,मेलो भरिजे भरपूर।
आंधा लंगड़ा कोढ़िया रे ,आवे धणी रे द्वार।
~ रूणिचा री धरती ऊपर ~
रूणिचा री धरती ऊपर ,
जाऊ वारि वारि ओ।
धोरा धरती बण्यो देवरो ,
धजा फरुके भारी ओ।
ऊँचा ऊँचा धोरा माथे ,
धजा फ़रुके भारी ओ।
अजमाल जी रा कंवर लाडला ,
मेणा दे रा लाला ओ।
बाई सुगणा रा बीर रामदेव ,
थारी कीरत भारी ओ।
रूणिचा री धरती ऊपर ,
जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
आंधा ने बाबो देवे अखियाँ ,
पांगळिया ने पाँव जी।
सोवन भालो हाथ में सोहे ,
लीले री असवारी जी।
रूणिचा री धरती ऊपर ,
जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
बोयता री जहाज तिराई ,
समदरिया रे माहि ओ।
चौपड़ रमता भुजा पसारी ,
लीला थारी भारी ओ।
रूणिचा री धरती ऊपर ,
जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
दूर देशा रा आवे जातरू ,
आवे नर और नारी ओ।
सागर केवे चल रुणिचे ,
भीड़ मची भगता री ओ।
रूणिचा री धरती ऊपर ,
जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
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ramdev ji ke desi bhajan lyrics
~ Runicha Ri Dharti Upar ~
runicha ri dharti upar,
jau vari vari o.
dhora dharti banyo devro,
dhaja faruke bhari o.
ucha ucha dhora mathe,
dhaja faruke bhari o.
ajmal ji ra kavar ladla,
mena de ra lala o.
bai sugna ra beer ramdev,
thari kirat bhari o.
runicha ri dharti upar,
jau vari vari o.
aandha ne babo deve akhiya,
pangliya ne pan ji.
sovan bhalo hath me sohe,
lile ri aswari jo.
runicha ri dharti upar,
jau vari vari o.
boyta ri jahaj tirai,
samdariya re mahi o.
chopad ramta bhuja pasari,
lila thari bhari o.
runicha ri dharti upar,
jau vari vari o.
dur desha ra aave jatru,
aave nar or nari o.
sagar keve chal runiche,
bhid machi bhagta ri o.
runicha ri dharti upar,
jau vari vari o.
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~ रूणीचा री धरती उपर ~
रूणिचा री धरती ऊपर ,जाऊ वारि वारि ओ।
धोरा धरती बण्यो देवरो ,धजा फरुके भारी ओ।
ऊँचा ऊँचा धोरा माथे ,धजा फ़ारुके भारी ओ।
अजमाल जी रा कंवर लाडला ,मेणा दे रा लाला ओ।
बाई सुगणा रा बीर रामदेव ,थारी कीरत भारी ओ।
रूणिचा री धरती ऊपर ,जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
आंधा ने बाबो देवे अखियाँ ,पांगळिया ने पाँव जी।
सोवन भालो हाथ में सोहे ,लीले री असवारी जी।
रूणिचा री धरती ऊपर ,जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
बोयता री जहाज तिराई ,समदरिया रे माहि ओ।
चौपड़ रमता भुजा पसारी ,लीला थारी भारी ओ।
रूणिचा री धरती ऊपर ,जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
दूर देशा रा आवे जातरू ,आवे नर और नारी ओ।
सागर केवे चल रुणिचे ,भीड़ मची भगता री ओ।
रूणिचा री धरती ऊपर ,जाऊ वारि वारि ओ। टेर।
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रूणिचा री धरती ऊपर |
गायक :- भंवर अली बीकानेर |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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