ओढ़ चुनर में गई सत्संग में भजन लिरिक्स | odh chunar meto gai re satsang bhajan lyrics

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ओढ़ चुनर में गई सत्संग में भजन लिरिक्स

ओढ़ चुनर में गई सत्संग में भजन odh chunar meto gai re satsang desi marwadi bhajan lyrics in hindi

 ।। दोहा ।।
संगत कीजे साधु की ,क्या नुगरा से काम।
नुगरा ले जावे नारगी , संत मिलावे राम।


~ ओढ़ चुनर गई सत्संग में ~

ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में।
साँवरियो भिगोई म्हाने,
गहरा गहरा रंग में।
सोच रही मन में ,
समझ रही दिल में।
थारो मारो न्याय ,
होवेला सत्संग में।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में।


सत री संगत में ,
गुरु जी विराजे।
कर कर दर्शन ,
होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में। टेर।


सत री संगत में ,
सहेलिया विराजे।
गाई गाई हरी गुण ,
होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में। टेर।


सत री संगत में ,
ज्योति जगत है।
कर कर दर्शन ,
होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में। टेर।


सत री संगत में ,
राम रस बरसे।
पी पी राम रस ,
होई रे मगन में।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में। टेर।


सत री संगत में ,
साज बजत है।
गाई गाई हरी गुण ,
होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में। टेर।


बाई मीरा गावे ,
प्रभु गिरधर नागर।
भवजल पार करोनी ,
पल छीन में।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में।


ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में।
साँवरियो भिगोई म्हाने,
गहरा गहरा रंग में।
सोच रही मन में ,
समझ रही दिल में।
थारो मारो न्याय ,
होवेला सत्संग में।
ओढ़ चुनर में तो ,
गई रे सत्संग में।


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desi marwadi bhajan lyrics in hindi

~ odh chunar meto gai re satsang ~

odh chunar me to ,
gai re satsang me.
sanwriyo bhigai mhane,
gahra gahra rang me.
soch rahi man me,
samajh rahi dil me.
tharo maro nyay ,
hovela satsang me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


sat ri sangat me,
guru ji viraje.
kar kar darshan ,
hoi re magan me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


sat ri sangat me,
saheliya viraje.
gai gai hari gun,
hoi re magan me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


sat ri sangat me,
jyoti jagat hai.
kar kar darshan ,
hoi re magan me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


sat ri sangat me,
ram ras barse.
pi pi ram ras,
hoi re magan me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


sat ri sangat me,
saaj bajat hai.
gai gai hari gun,
hoi re magan me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


bai meera gave,
prabhu girdhar nagar.
bhajal paar karoni,
pal chhin me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


odh chunar me to ,
gai re satsang me.
sanwriyo bhigai mhane,
gahra gahra rang me.
soch rahi man me,
samajh rahi dil me.
tharo maro nyay ,
hovela satsang me.
odh chunar me to ,
gai re satsang me.


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~ ओढ़ चुनर में गई सत्संग में ~

ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में।
साँवरियो भिगोई म्हाने,गहरा गहरा रंग में।
सोच रही मन में ,समझ रही दिल में।
थारो मारो न्याय ,होवेला सत्संग में।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में।

सत री संगत में ,गुरु जी विराजे।
कर कर दर्शन ,होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में। टेर।

सत री संगत में ,सहेलिया विराजे।
गाई गाई हरी गुण ,होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में। टेर।

सत री संगत में ,ज्योति जगत है।
कर कर दर्शन ,होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में। टेर।

सत री संगत में ,राम रस बरसे।
पी पी राम राम रस ,होई रे मगन में।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में। टेर।

सत री संगत में ,साज बजत है।
गाई गाई हरी गुण ,होई रे मगन मैं।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में। टेर।

बाई मीरा गावे ,प्रभु गिरधर नागर।
भवजल पार करोनी ,पल छीन में।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में।

ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में।
साँवरियो भिगोई म्हाने,गहरा गहरा रंग में।
सोच रही मन में ,समझ रही दिल में।
थारो मारो न्याय ,होवेला सत्संग में।
ओढ़ चुनर में तो ,गई रे सत्संग में।

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भजन :- ओढ़ चुनर गई सत्संग में
गायक :- अनिल नागौरी
लेबल :- राजस्थानी भजन

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