ढेलडी मार्ग में क्यों ब्याही भजन लिरिक्स
ढेलडी मार्ग में क्यों ब्याही Dheladi Marg Main Kyun Byahi राजस्थानी लोक भजन लिरिक्स
।। दोहा ।।
अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम।
दास मलूका यूं कहे, तो सबके दाता राम।
।। ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही ।।
थारा बचिया बिलाड़ी ले जाई रे,
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही।
मारग में थे अंडा रे मेलिया ,
आ काँई अकल गमाई।
रात दिन थारी करूँ रखवाली ,
पलक देर नहीं लाई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही।
थारा बचिया ….
जेठ जी गया अजमो लेवण ने ,
लावत देर लगाई।
चोखो देख ने अजमो लावे।
खात करे थूं खाई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही।
थारा बचिया ….
चिड़ी कमेड़ी थारी काकी लागे,
कागलो भुआ रो बेटो भाई।
मोरिया ने कठे गमायो ,
एकली क्यूँ आई।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही।
थारा बचिया ….
पाणी जल रो अमर पचको,
अरट बगेची माँहि।
दादा गुरु री वाड़ी देखने ,
भले भेटवा आई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही।
थारा बचिया ….
दादा वाड़ी रा दर्शण करणा ,
खांत घणी मन माई।
छोगालाल कहे सुणो भायो ,
सीखी जेड़ी गाई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही।
थारा बचिया ….
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rajasthan lok bhajan lyrics in hindi
!! Dheladi Marg Main Kyun Byahi !!
thaara bachiya bilaadee le jaee re,
dheladee maarg mein kyon vyaahee
maarag mein the anda re meliya ,
aa kaanee akal gamaee.
raat din thaaree karoon rakhavaalee ,
palak der nahin laee re.
dheladee maarg mein kyon vyaahee.
thaara bachiya ….
jeth jee gaya ajamo levan ne ,
laavat der lagaee.
chokho dekh ne ajamo laave.
khaat kare thoon khaee re.
dheladee maarg mein kyon vyaahee.
thaara bachiya ….
chidee kamedee thaaree kaakee laage,
kaagalo bhua ro beto bhaee.
moriya ne kathe gamaayo ,
ekalee kyoon aaee.
dheladee maarg mein kyon vyaahee.
thaara bachiya ….
paanee jal ro amar pachako,
arat bagechee maanhi.
daada guru ree vaadee dekhane ,
bhale bhetava aaee re.
dheladee maarg mein kyon vyaahee.
thaara bachiya ….
daada vaadee ra darshan karana ,
khaant ghanee man maee.
chhogaalaal kahe suno bhaayo ,
seekhee jedee gaee re.
dheladee maarg mein kyon vyaahee.
thaara bachiya ….
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राजस्थानी लोक भजन लिरिक्स in hindi
!! ढेलडी मार्ग में क्यों ब्याही !!
थारा बचिया बिलाड़ी ले जाई रे, ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही
मारग में थे अंडा रे मेलिया , आ काँई अकल गमाई।
रात दिन थारी करूँ रखवाली ,पलक देर नहीं लाई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही। थारा बचिया ….
जेठ जी गया अजमो लेवण ने , लावत देर लगाई।
चोखो देख ने अजमो लावे। खात करे थूं खाई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही। थारा बचिया ….
चिड़ी कमेड़ी थारी काकी लागे,कागलो भुआ रो बेटो भाई।
मोरिया ने कठे गमायो ,एकली क्यूँ आई।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही। थारा बचिया ….
पाणी जल रो अमर पचको, अरट बगेची माँहि।
दादा गुरु री वाड़ी देखने ,भले भेटवा आई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही। थारा बचिया ….
दादा वाड़ी रा दर्शण करणा , खांत घणी मन माई।
छोगालाल कहे सुणो भायो ,सीखी जेड़ी गाई रे।
ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही। थारा बचिया ….
सरिता खारवाल भजन | sarita kharwal bhajan video
भजन :- ढेलड़ी मार्ग में क्यों व्याही |
गायक :- सरिता खारवाल |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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