हद में तो दाता खेल रचाया भजन लिरिक्स
हद में तो दाता खेल रचाया भजन had me to data khel rachaya bhajan गुरुदेव भजन लिरिक्स
।। दोहा ।।
राम नाम रटते रहो , जब तक घट में प्राण।
कबहुँ दिन दयाल के , मनक पड़े सो काम।
।। हद में तो दाता खेल रचायो ।।
हद में तो दाता खेल रचायो ,
बेहद माँहिने आप फिर।
अधर धरा पर आसन मांड्यो,
धरा गगन बिच मौज करे ओ जी।
हंसा होय हंसा संग बैठे ,
कागां रे संग नहीं ओ फिरे।
नुगरा नर तो फिर भटकता,
खोजी वे तो खोज करे ओ जी।
हद में तो ….
अमर जड़ी गुरुदाता से पाई ,
नैणां सूं म्हारे नीर पड़े।
उण बूटी रा परस ना पाया ,
उण सूं करोडो दूर फिरे हो जी।
हद में तो ….
सिमरथ गुरु री शरण में पड़िया ,
ओ घट घाटा गैलां फिरे।
गुरुज्ञान पारस नहीं पियो ,
विण जीवा ने पार करे हो जी।
हद में तो ….
गर्भीला नर गुलचा खावे ,
समझावे जो समंद तीरे।
जीवतड़ा तो जले मसाणा ,
मुर्दा वे जो मगन फिरे हो जी।
हद में तो ….
रण चले शूरां रे खाटे,
कायर वे तो देख डरे।
कहे भैरव गुरु दयाल रे शरणे,
करोड़ जनम रा पाप ठाले हो जी।
हद में तो ….
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gurudev ke bhajan lyrics in English
!! had me to data khel rachaya !!
had mein to daata khel rachaayo ,
behad maanhine aap phir.
adhar dhara par aasan maandyo,
dhara gagan bich mauj kare o jee.
hansa hoy hansa sang baithe ,
kaagaan re sang nahin o phire.
nugara nar to phir bhatakata,
khojee ve to khoj kare o jee.
had mein to ….
amar jadee gurudaata se paee ,
nainaan soon mhaare neer pade.
un bootee ra paras na paaya ,
un soon karodo door phire ho jee.
had mein to ….
simarath guru ri sharan me padiya ,
o ghat ghaata gailaan phire.
gurugyaan paaras nahin piyo ,
vin jeeva ne paar kare ho jee.
had mein to ….
garbheela nar gulacha khaave ,
samajhaave jo samand teere.
jeevatada to jale masaana ,
murda ve jo magan phire ho jee.
had mein to ….
ran chale shooraan re khaate,
kaayar ve to dekh dare.
kahe bhairav guru dayaal re sharane,
karod janam ra paap thaale ho jee.
had mein to ….
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गुरुदेव भजन लिरिक्स इन हिंदी
!! हद में तो दाता खेल रचाया !!
हद में तो दाता खेल रचायो , बेहद माँहिने आप फिर।
अधर धरा पर आसन मांड्यो, धरा गगन बिच मौज करे ओ जी।
हंसा होय हंसा संग बैठे , कागां रे संग नहीं ओ फिरे।
नुगरा नर तो फिर भटकता, खोजी वे तो खोज करे ओ जी।
हद में तो ….
अमर जड़ी गुरुदाता से पाई , नैणां सूं म्हारे नीर पड़े।
उण बूटी रा परस ना पाया , उण सूं करोडो दूर फिरे हो जी।
हद में तो ….
सिमरथ गुरु री शरण में पड़िया , ओ घट घाटा गैलां फिरे।
गुरुज्ञान पारस नहीं पियो , विण जीवा ने पार करे हो जी।
हद में तो ….
गर्भीला नर गुलचा खावे ,समझावे जो समंद तीरे।
जीवतड़ा तो जले मसाणा ,मुर्दा वे जो मगन फिरे हो जी।
हद में तो ….
रण चले शूरां रे खाटे, कायर वे तो देख डरे।
कहे भैरव गुरु दयाल रे शरणे, करोड़ जनम रा पाप ठाले हो जी।
हद में तो ….
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भजन :- हद में तो दाता खेल रचायो |
गायक :- धनराज जोशी |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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