चादर झीनी राम झीनी भजन लिरिक्स
चादर झीनी राम झीनी भजन chadar jhini ram jhini bhajan सतगुरु भजन इन हिंदी pawan ji sahal bhajan
।। दोहा ।।
गुरु समान दाता नहीं, याचक शीष समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान॥
।। चादर झीणी राम झीणी ।।
चादर झीणी राम झीणी ,
या तो सदा राम रस भीणी।
मेरे सतगुरु ने रंग झीणी ,
चादर झीणी राम झीणी
अष्ट कमल पर चरखो चाले,
पाँच तंत की पूणी।
नौ दस मास बणताँ लागे ,
सतगुरु ने रंग दीनी।
चादर झीणी राम झीणी।
मेरे सतगुरु ….
जद मेरी चादर बण घर आवे ,
रंग रेजा ने दीनी।
ऐसा रंग रंगा रंगरेजा ,
लाल लाल कर दीनी।
चादर झीणी राम झीणी।
मेरे सतगुरु ….
मोह माया को मैल निकाल्या ,
गहरी निर्मल कीनी।
प्रेमप्रीत को रंग लगाक र,
सतगुरु वाँ रंग दीनी।
चादर झीणी राम झीणी।
मेरे सतगुरु ….
ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी ,
सुखदेव ने निर्मल कीनी।
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी ,
ज्यू की ज्यू धर दीनी।
चादर झीणी राम झीणी।
मेरे सतगुरु ….
जरूर पढ़ें :- जिस माला में राम नहीं
जरूर पढ़ें :- मतवाला गुरु मतवाला
satguru bhajan lyrics in hindi
!! chadar jhini ram jhin !!
chaadar jheenee raam jheenee ,
ya to sada raam ras bheenee.
mere sataguru ne rang jheenee ,
chaadar jheenee raam jheenee
asht kamal par charakho chaale,
paanch tant kee poonee.
nau das maas banataan laage ,
sataguru ne rang deenee.
chaadar jheenee raam jheenee.
mere sataguru ….
jad meree chaadar ban ghar aave ,
rang reja ne deenee.
aisa rang ranga rangareja ,
laal laal kar deenee.
chaadar jheenee raam jheenee.
mere sataguru ….
moh maaya ko mail nikaalya ,
gaharee nirmal keenee.
premapreet ko rang lagaak ra,
sataguru vaan rang deenee.
chaadar jheenee raam jheenee.
mere sataguru ….
dhruv prahalaad sudaama ne odhee ,
sukhadev ne nirmal keenee.
daas kabeer ne aisee odhee ,
jyoo kee jyoo dhar deenee.
chaadar jheenee raam jheenee.
mere sataguru ….
जरूर पढ़ें :- कायर सके ना झेल फकीरी
जरूर पढ़ें :- श्री गणेश काटो कलेश
सतगुरु भजन इन हिंदी lyrics
!! चादर झीनी राम झीनी !!
चादर झीणी राम झीणी ,या तो सदा राम रस भीणी।
मेरे सतगुरु ने रंग झीणी ,चादर झीणी राम झीणी
अष्ट कमल पर चरखो चाले, पाँच तंत की पूणी।
नौ दस मास बणताँ लागे , सतगुरु ने रंग दीनी।
चादर झीणी राम झीणी। मेरे सतगुरु ….
जद मेरी चादर बण घर आवे , रंग रेजा ने दीनी।
ऐसा रंग रंगा रंगरेजा ,लाल लाल कर दीनी।
चादर झीणी राम झीणी। मेरे सतगुरु ….
मोह माया को मैल निकाल्या , गहरी निर्मल कीनी।
प्रेमप्रीत को रंग लगाक र,सतगुरु वाँ रंग दीनी।
चादर झीणी राम झीणी। मेरे सतगुरु ….
ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी , सुखदेव ने निर्मल कीनी।
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी , ज्यू की ज्यू धर दीनी।
चादर झीणी राम झीणी। मेरे सतगुरु ….
pawan ji sahal ke bhajan video
भजन :- चादर झीणी राम झीणी |
गायक :- पवन जी सहल |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
जरूर पढ़ें :- मत कर मान गुमान
जरूर पढ़ें :- विणो बाजे सांवरिया थारे नाम रो रे