सत री संगत गंगा गोमती भजन लिरिक्स | sat ri sangat ganga gomti bhajan lyrics

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सत री संगत गंगा गोमती भजन लिरिक्स | sat ri sangat ganga gomti bhajan lyrics

सत री संगत गंगा गोमती sat ri sangat ganga gomti bhajan lyrics सुरेश गोयल भजन desi bhajan lyrics in hindi

 ।। दोहा ।। 
देवी बड़ी न देवता – और न सुरज न चांद।
आदि अंत दोनो बड़े – के गुरु के गोविन्द।


।। सत री संगत गंगा गोमती ।।

सत री संगत गंगा गोमती ,
सुरसत कासी परीयागा ।
लाखो पापीडा ईणमु उबरीया ,
डर जमडा रा भागा।


ध्रुव जी और पहलाद न ,
सत्संग नारद जी से कीनी।
विष्णु पुरी बैकुंठ मु ,
सुरपत आदर वान दीदी।
सत री संगत ….


रतना करमा सबरी भीलणी ,
धन्ना पीपा नामा सना।
सत्संग रा प्रताप से ,
पाइ सुखडे री धामा।
सत री संगत ….


सज खानरो एक बाजता ,
नरपत कन्या मन चाही।
सत्संग रा प्रताप से ,
रूपा भेट चडाई।
सत री संगत ….


जीण रे भुमी सु रघुवर नीकलीया ,
वा रज चरणा री लागी।
चरण पका रत अहिल्या उबरी ,
दिल री दुर मत भागी।
सत री संगत ….


धुल धर गज सीस पे ,
ईश्वर मन भाई ।
जीण रज सु अहिल्या उबरी ,
वो रज खोज गजराई।
सत री संगत ….


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desi bhajan lyrics in hindi

!! sat ri sangat ganga gomti !!

sat ree sangat ganga gomatee ,
surasat kaasee pareeyaaga .
lakho paapeeda eenamu ubariya ,
dar jamada ra bhaaga.


dhruv jee aur pahalaad na ,
satsang naarad jee se keenee.
vishnu puree baikunth mu ,
surapat aadar vaan deedee.
sat ree sangat ….


ratana karama sabari bhilanee ,
dhanna peepa naama sana.
satsang ra prataap se ,
pai sukhade ree dhaama.
sat ree sangat ….


saj khaanaro ek baajata ,
narapat kanya man chaahee.
satsang ra prataap se ,
roopa bhet chadaee.
sat ree sangat ….


jin re bhumi su raghuvar nikaliya ,
va raj charana ree laagee.
charan paka rat ahilya ubaree ,
dil ree dur mat bhaagee.
sat ree sangat ….


dhul dhar gaj sees pe ,
eeshvar man bhaee .
jeen raj su ahilya ubaree ,
vo raj khoj gajaraee.
sat ree sangat ….


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!! सत री संगत गंगा गोमती !!

सत री संगत गंगा गोमती ,सुरसत कासी परीयागा ।
लाखो पापीडा ईणमु उबरीया ,डर जमडा रा भागा।

ध्रुव जी और पहलाद न ,सत्संग नारद जी से कीनी।
विष्णु पुरी बैकुंठ मु ,सुरपत आदर वान दीदी।
सत री संगत ….

रतना करमा सबरी भीलणी ,धन्ना पीपा नामा सना।
सत्संग रा प्रताप से , पाइ सुखडे री धामा।
सत री संगत ….

सज खानरो एक बाजता ,नरपत कन्या मन चाही।
सत्संग रा प्रताप से ,रूपा भेट चडाई।
सत री संगत ….

जीण रे भुमी सु रघुवर नीकलीया ,वा रज चरणा री लागी।
चरण पका रत अहिल्या उबरी ,दिल री दुर मत भागी।
सत री संगत ….

धुल धर गज सीस पे ,ईश्वर मन भाई ।
जीण रज सु अहिल्या उबरी ,वो रज खोज गजराई।
सत री संगत ….

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भजन :- सत री संगत गंगा गोमती
गायक:- श्याम पालीवाल
लेबल :- राजस्थानी भजन

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