हम परदेसी पंछी रे साधु भाई भजन | ham pardesi panchi re sadhu bhai bhajan lyrics
हम परदेसी पंछी रे साधु भाई ham pardesi panchi re sadhu bhai nirguni bhajan lyrics निर्गुणी भजन तंबूरा rajasthani desi bhajan
।। दोहा ।।
हम वासी वा देश के ,जहा धरण गगन दोई नाही।
शब्द मिलावा हो रहा , देह मिलावा नाही।
।।हम परदेसी पंछी रे साधो भाई।।
हम परदेसी पंछी रे साधो भाई,
ईणी देश रा नाही।
ईणी देस रा लोग अचेता ,
पल पल परले मे जाई।
मारा साधु भाई ,
ईणी देश रा नाही।
मुख बिन बोलना पग बीन चलना ,
बीना पंखो से उड जाई।
बीना सुरत की लोय हमारी ,
अनहद में ओलखाई।
हम परदेसी ….
छाया मे बेठु तो अगनि सी लागे ,
धुप बहुत सीतलाई।
धुप छाया से मेरे सतगुरु न्यारा,
मै सतगुरु के माही।
हम परदेसी ….
आठु पेर अड़ा रहे आसण ,
कबहु ना उतरेगा साई।
ऐसा ज्ञानी वा पच पच मरग्या ,
उणी देस के माई।
हम परदेसी ….
निर्गुणी रुपी हे मेरे दाता ,
सिर्गुणी नाम धराई।
मन पवन दोनो नही पहुचे ,
उणी देश रा माई।
हम परदेसी ….
नख सिख नेण शरीर हमारा ,
सतगुरु अमर कराई।
कहे कबीर मीलो निर्गुणी से ,
अजर अमर हो जाई।
हम परदेसी ….
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nirguni bhajan lyrics in English
!! ham pardesi panchi re sadhu bhai !!
ham pardesi panchhi re sadho bhai,
eenee desh ra naahee.
eenee des ra log acheta ,
pal pal parale me jaee.
maara saadhu bhaee ,
eenee desh ra naahee.
mukh bin bolna pag bin chalana ,
beena pankho se ud jaee.
beena surat kee loy hamaaree ,
anahad mein olakhaee.
ham paradesee ….
chhaya me bethu to agani see laage ,
dhup bahut seetalaee.
dhup chhaya se mere satguru nyara,
mai sataguru ke maahee.
ham paradesee ….
aathu per ada rahe aasan ,
kabahu na utarega saee.
aisa gyani va pach pach margya ,
unee des ke maee.
ham paradesee ….
nirgunee rupee he mere daata ,
sirgunee naam dharaee.
man pavan dono nahi pahuche ,
unee desh ra maee.
ham paradesee ….
nakh sikh nen shareer hamaara ,
sataguru amar karaee.
kahe kabeer meelo nirgunee se ,
ajar amar ho jaee.
ham paradesee ….
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निर्गुणी भजन तंबूरा lyrics in Hindi
!! हम परदेसी पंछी रे साधु भाई !!
हम परदेसी पंछी रे साधो भाई, ईणी देश रा नाही।
ईणी देस रा लोग अचेता , पल पल परले मे जाई।
मारा साधु भाई ,ईणी देश रा नाही।
मुख बिन बोलना पग बीन चलना ,बीना पंखो से उड जाई।
बीना सुरत की लोय हमारी ,अनहद में ओलखाई।
हम परदेसी ….
छाया मे बेठु तो अगनि सी लागे , धुप बहुत सीतलाई।
धुप छाया से मेरे सतगुरु न्यारा, मै सतगुरु के माही।
हम परदेसी ….
आठु पेर अड़ा रहे आसण , कबहु ना उतरेगा साई।
ऐसा ज्ञानी वा पच पच मरग्या ,उणी देस के माई।
हम परदेसी ….
निर्गुणी रुपी हे मेरे दाता ,सिर्गुणी नाम धराई।
मन पवन दोनो नही पहुचे ,उणी देश रा माई।
हम परदेसी ….
नख सिख नेण शरीर हमारा ,सतगुरु अमर कराई।
कहे कबीर मीलो निर्गुणी से ,अजर अमर हो जाई।
हम परदेसी ….
rajasthani desi bhajan video
भजन :- हम परदेसी पंछी रे साधो भाई |
गायक :- तारा सिंह डोडवे |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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