ओम जय गुरुदेव हरे आरती लिरिक्स | om jai gurudev hare aarti lyrics
ओम जय गुरुदेव हरे आरती, om jai gurudev hare aarti lyrics, guru rajaramji aarti, rajasthani aarti, मारवाड़ी आरती
~ गुरु राजाराम जी की आरती ~
जय गुरुदेव हरे ,
प्रभु जय गुरुदेव हरे ।
अधम उद्धारी करणे ,
संतन रूप धरे ,
ओम जय गुरुदेव हरे ॥
मरूधर माँहि प्रकटे ,
गांव शिकारपुरे ।
कलबी वंश उजागर ,
हरि सिंह घर जनम धरे ।
ओम जय गुरुदेव …
धेनु चरावे हरि गुण गावे ,
प्रेम सूं नृत्य करे ।
दर्शन दीना सुमिरण कीना ,
चरणां शीश धरे ॥
ओम जय गुरुदेव …
केशर कुंकुंम केरी छापां ,
सर माटी उबरे ।
देश – देश के आवे जातरू ,
परचा खूब पड़े ।
ओम जय गुरुदेव …
भादव मास शुक्ल एकादश ,
मेला पूर्ण भरे ।
जल बिच जहाज पथर की तारी ,
गुरु परताप तरे ।
ओम जय गुरुदेव …
अंधलों को मिले अखियाँ ,
दुष्टियों को कोढ़ झरे ।
बांझियों को पुत्र दीना ,
बिगड्या कारज सरे ॥
ओम जय गुरुदेव …
प्रेम भाव से जो कोई प्राणी ,
नित उठ पूजन करे ।
मन वांछित फल पावे ,
भव सागर को तरे ॥ .
ओम जय गुरुदेव …
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om jai gurudev hare aarti lyrics in English
!! guru rajaramji aarti !!
jay gurudev hare ,
prabhu jay gurudev hare .
adham uddhaaree karane ,
santan roop dhare ,
om jay gurudev hare .
maroodhar maanhi prakate ,
gaanv shikaarapure .
kalabee vansh ujaagar ,
hari sinh ghar janam dhare .
om jay gurudev …
dhenu charaave hari gun gaave ,
prem soon nrty kare .
darshan deena sumiran keena ,
charanaan sheesh dhare .
om jay gurudev …
keshar kunkumm keree chhaapaan ,
sar maatee ubare .
desh – desh ke aave jaataroo ,
paracha khoob pade .
om jay gurudev …
bhaadav maas shukl ekaadash ,
mela poorn bhare .
jal bich jahaaj pathar kee taaree ,
guru parataap tare .
om jay gurudev …
andhalon ko mile akhiyaan ,
dushtiyon ko kodh jhare .
baanjhiyon ko putr deena ,
bigadya kaaraj sare .
om jay gurudev …
prem bhaav se jo koee praanee ,
nit uth poojan kare .
man vaanchhit phal paave ,
bhav saagar ko tare . .
om jay gurudev …
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मारवाड़ी आरती hindi lyrics
!! ओम जय गुरुदेव हरे आरती !!
जय गुरुदेव हरे , प्रभु जय गुरुदेव हरे ।
अधम उद्धारी करणे , संतन रूप धरे ,
ओम जय गुरुदेव हरे ॥
मरूधर माँहि प्रकटे , गांव शिकारपुरे ।
कलबी वंश उजागर , हरि सिंह घर जनम धरे ।
ओम जय गुरुदेव …
धेनु चरावे हरि गुण गावे , प्रेम सूं नृत्य करे ।
दर्शन दीना सुमिरण कीना , चरणां शीश धरे ॥
ओम जय गुरुदेव …
केशर कुंकुंम केरी छापां , सर माटी उबरे ।
देश – देश के आवे जातरू , परचा खूब पड़े ।
ओम जय गुरुदेव …
भादव मास शुक्ल एकादश , मेला पूर्ण भरे ।
जल बिच जहाज पथर की तारी , गुरु परताप तरे ।
ओम जय गुरुदेव …
अंधलों को मिले अखियाँ , दुष्टियों को कोढ़ झरे ।
बांझियों को पुत्र दीना , बिगड्या कारज सरे ॥
ओम जय गुरुदेव …
प्रेम भाव से जो कोई प्राणी , नित उठ पूजन करे ।
मन वांछित फल पावे , भव सागर को तरे ॥ .
ओम जय गुरुदेव …
guru rajaramji aarti video
आरती :- ॐ जय गुरुदेव हरे |
गायक :- मोइनुद्दीन मनचला |
लेबल :- राजस्थानी भजन |
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